Saturday, March 6, 2010

विदेशो में नही घट रहे नस्लवादी हमले

विदेशो में नही घट रहे नस्लवादी हमले
क्या विदेशो में जाने वाले भारतीयों पर हमला होना कभी बंद नही होगा अब उस मासूम गुरशरन का क्या कसूर था वो तो अपने बाप को मिलने तथा छुटिया बिताने के लिये आस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में गई थी उस मासूम को तो नस्लवाद के बारे में भी कुछ पता भी नही था कभी पंजाब के बूढ़े माँ - बाप के आँखों के तारो को मार दिया जाता है जिनका सपना होता है की यह उनके लिये कमाने गये है ताकि घर का गुजरा हो सके और कर्जे को उतरा जा सके काम - काज की तलाश में पंजाब से गये इन नवयुवको को यह नही पता होता की वहा जाकर नस्लवाद के शिकार होंगे | आस्ट्रेलिया सरकार भी सेवा सुरक्षा के अस्वाशन दे रही है कार्यवाही कोई नही की जा रही , ताकि भारतीय लोग सुरक्षित हो सके मै तो यही कहूँगा की एक बार सभी भारतीय अपना काम छोड़ वापिस स्वदेश आ जाये तांकी इनका काम रुक जाये और इन्हें पता चले की भारतियो के बिना इनका गुजरा नही चल सकता |

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