Thursday, July 29, 2010

कालज और युनिवर्सटी की गलती ने हमसे हमारा दोस्त जुदा कर दिया




कालज और युनिवर्सटी की गलती को सजा  कोन सजा देगा   !!!!!!!!!!
हमारा दोस्त हमसे जुदा कर दिया 
अक्सर आपने सुना होगा की युनिवर्सटी या कालज  में स्टुडेंट लापरवाही करते है  जिसके  बाद कालज  और युनिवर्सटी उनको सजा अपने रुल  के मुताबिक दे  देती है   पर आगे युनिवर्सटी या कालज प्रशासन गलती करे तो उन्हें सजा कोन देगा . इस बार जो युनिवर्सटी या कालज  ने जो लापरवाही की शायद कभी  माफ़ ना  करने वाली थी. और इनका अपना गुंडाराज है इनको सजा देने की भला स्टुडेंट के  पास ताकत कहा है . उन्होंने तो सीधा हमारा दोस्त हमसे जुदा  कर दिया जो सबसे प्यारा और सबका दुलारा था. इनकी गलती ने किसी का साल और लाखो रुपए  खराब   कर दिया . और शायद किसी की अटूट यादो क सहारे  कितनो को छोड़ दिया .
दोआबा कालज में मै अभी पत्रकारिता की पड़ाई  कर रहा हु . और पिछले वर्ष हमारे युनिअर  आये. जिनमे  मथुरा  से आया अतुल...... कब हमारे सब  के बीच हमारे  छोटे  भाई जैसा  बन गया पता ही नही चला ....... उसकी शरारते उसका दिमाग और अपनी  बातो से सबका दिल जितने  की अदा ने ही डिपार्टमेंट में उसे सबका दुलारा अतुल  को  बना दिया .और सभी अध्यापको को भी यह कहने पर मजबूर कर दिया की अगर शरारते सीखनी तो अतुल से सीखो. पड़ाई  करनी तो अतुल से सीखो . सबसे अलग था वो . उसके पिता जी का देहांत हो  गया था जिसके बाद घर चलाने की  सारी जिमेदारी उसकी मां के कन्धो पर आ गयी  थी .....अतुल  अक्सर कहा करता की मुझे अपने रिश्तेदारों से प्यार नही मिला सिर्फ आप सब ने प्यार दिया . पता नही कैसा था वो पुरे डिपार्टमेंट से प्यार पा रखा था उसने ........... पर कालज ने किया क्या पहले तो अपने स्टुडेंट की संख्या बढ़ाने के लिये उसको एडमिशन दे  दी  पर बाद में पेपर  के कुछ दिन पहले उसे बोल दिया  की तुमने जहा बाहरवी   की परीक्षा दी है वो युन्वर्स्टी रेकोग्नाएज  नही है तुम्हारी बाहरवी  की पडाई  नही मानी  जायगी . फिर कालज वालो ने कहा तुम अपनी जिमेदारी पर परीक्षा में भैठ  सकते हो कल को कुछ हुआ तो हम तुम्हारी जिमेदारी नही लेंगे .अतुल  ने परीक्षा दी और  जहा  . फिर भी उसने अछे नम्बर  लिये . परेशान अतुल ने आखिर मन बना लिया की वह कालज छोड़ ही देगा और उसने नॉएडा में जागरण insitute   में  दाखिला ले लिया और छोड़ गया हम सबको अपनी यादो के सहारे .........सच में एसा अतुल कभी नही मिलेगा हमे .......... कालज ने अपने पैसे कमाने के लिये किसी की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया बचो को हर गलती पर सजा देने वालो को अपनी गलती की सजा कोन दे सकता है  . हमारा दोस्त हमसे जुदा कर दिया
डेल्ही की बस के लिये जालंधर बस स्टैंड पर हम दोस्त जब उसे  छोड़ने जा रहे थे तो सब की आँखों में आंसू थे और जब उसे बस में बिठा   कर वापिस आये तो उसने मोबएल  संदेश से जो उसने अपने साथ बिताये हए पलो को उसने याद करवाया   सब दोस्त  सारी रात रोने के लिये मजबूर हो   गये शायद सबको हसाने  वाला जाते समय अपनी यादो से रुला गया उसके जाने के अगले दिन  मै  कालज भी ना जा पाया  सब दोस्त उसे याद कर उसकी बाते  ही कर रहे थे और अंदर  से सब रो   रहे थे की क्यों चला गया शायद उसकी किस्मत  में उसकी तर्की   वहा लिखी  हो शायद  !
कालज और युनिवर्सटी की गलती को कोन सजा देगा
हमारा दोस्त हमसे जुड़ा कर दिया . ........मै पूछता हु अब युन्वर्स्टी या कालज  को कोन सजा दे जिसने हमारा दोस्त हमसे जुदा किया और उसका एक साल ............सच में वो रजा था सबके दिलो का  .......अब हम सभी दोस्त यही दुया करते है वो वहा बढिया नम्बर लेकर पास हो और एक   अछा    पत्रकार बने .
दिल से हमेशा सब के दिलो में रहेगा अतुल 
तेरे दोस्त साहिल , पंकज, गोरी, रजत , भावना, करिश्मा, शिवम् पूजा ,रतिका, सोनिका  सन्नी शायद कभी ना तूझे भूल पायंगे ......... 
तभी तो मै अक्सर कहता हु की मेरे देश में एसा भी होता है कोई कही से भी आकर दिलो में केसी छाप छोड़ जाये किसी को नही पता . उसके जाने के बाद लोग क्यों उसकी अहमियत को जानकर उसे इतना याद करते है  जबकि जब पास हो तो उसकी कद्र नही की जाती  ....

Thursday, July 22, 2010

जाऊ या न जाऊ आखिर करू तो क्या करू ???????????????????


जाऊ या न जाऊ  आखिर करू तो क्या करू ???????????????????
ख्वाब थे की एक बार डेल्ही जरुर जाना है .वहा का माहोल जानना है .जलानाधर  में मुझे elactronic मीडिया में करीब डेड साल हो चूका था . और अब मै डेल्ही की मीडिया को जानना चाहता था और उनके साथ काम करना चाहता था वहा के काम करने के ढंग को जानना चाहता था क्यंकि अगर  डेल्ही में बारिश है तो पुरे देश में बारिश है इसलिए तकरीबन ढेड साल से डेल्ही में किसी चेनल  में काम या आप इंटर्नशिप कह लो उसके लिए तकरीबन आठ महीने से कोशिश कर रहा था आखिरकार मुझे  जी न्यूज़ के ऑफिस से अचानक काल आती है की आपकी जी न्यूज़ में इंटर्नशिप लग गयी है. आपको कल innterview   के लिए आना  है. अचानक आये काल ने मुझे समझ में नही आ रहा था मै क्या करू और अभी कुछ दिन पहले ही मेरी जिन्दगी की पहली नोकरी लगी थी  नवां जमाना समाचारपत्र  एक पत्रकार के तोर पर क्राएम  बीट  में .   तो अब मै खुश भी था और उदास भी....  समझ नही आ रहा था जिन्दगी की पहली नोकरी छोडू या नॉएडा जाने का मोका.... जिसे मै पिछले आठ महीने से इन्तजार कर रहा था दोस्तों से पुछा  तो सब ने अपनी अपनी राय दी अब आखरी फांसला मुझे ही लेना था. मैंने किसी  तरह हिमत जुटा कर एक बार घर फोन कर दिया की मेरे कपड़े पैक कर दीजिये मै कल डेल्ही जा रहा हु. पर अभी पता नही था मुझे मैंने जाना है या नही...... आखिरकार मैंने समाचारपत्र वालो से एक दिन की छुटी मांगी और रात को दस बजे डेल्ही के लिए रवाना हो गया तीन बजे मेरा interview था और मै एक बजे ही पहुंच गये था  तो उन्होंने मेरा interview पहले ही ले लिया और यहा मै पास हो गया उन्होंने कहा कल से ही आप आना शुरू कर दो पर अभी मुझे पता  नही था की मैंने यह आना है या नही ! अब मै वापिस जालंधर आ रहा था interview में पास होने की जहा ख़ुशी थी तो वही कुछ न समझ पाने के गम भी था सारे रस्ते यही सोच रहा था आखिर क्या मै क्या  करू मेरे सामने खाने की दो थाली पड़ी थी और दोनों प्लेट मेरी फेव्र्ट  थी पर मुझे  एक को छोड़ना है था अगले दिन  अपने समाचार पत्र के दफ्तर पहुंचा और मीटिंग में यही सोच रहा था की क्या करु ??? मीटिंग खत्म हुई और सब चले गये पर मै वही बैठा सोच रहा था की क्या करू आखिर कार मैंने हिमत  कर अपने बॉस अरुणदीप को फोन  किया और उनको सारी बात बता दी मैंने खा आप जो कहेंगे मै वही करूंगा उन्होंने खा शाम को मिलते है और फिर बात करते है शाम तक मै सोच और ख्यालो की दुनिया में ही था शाम को सर मिले और उन्होंने कहा तू जाना चाहता है मैंने कहा जाना तो चाहता हु पर मै यह क्राइम बीट  भी करना चाहता हु उन्होंने कहा तू  जा मै सम्भाल लूँगा जब तू आयगा तो तेरी क्राइम बात तुझे ही मिलेगी मै उनकी बात सुनके हैरान हो गया और उनकी बात ने  मेरा दिल जीत लिया मैंने जी में वह एक महिना इन्टरन की और वापिस आया तो देखा की सच में क्राइम बीत सर ने किसी को नही दी थी और यह फिर से मैंने अपना काम शुरू कर दिया  सच में अरुण सर को दिल से सलाम जिन्होंने मुझे समझा और मेरे लिए इतना कुछ किया तभी तो कहता हु मेरे देश में असा भी होता क्यंकि यहा असे भी लोग है जो एक दूजे को समझते है