Friday, April 16, 2010

शहर में बेखोफ लुटेरे !



जालंधर शहर में चाहे लगे कमिश्नर प्रणाली या अस अस पी प्रणाली !   चाहे हो मुलाजिमो के तबादले  ! प्रशासन कुछ भी करे पर शहर से लूट, चोरी छीना - छपटी की वारदाते कम होने का नाम नही ले रही है .अब शहर भी मेट्रो सिटी की तरह ही बन रह है भईमै अपने शहर की तरक्की की बात तो कटे नही कर रहा मै तो आपको बताना चाहता हु की हमारा शहर मेट्रो सिटी की तरह ही चोरो की चोरी करने की तरह ही बन रहा है  शातिर लुटेरे बिना किसी खोफ से अपना काम बखूभी से  निभा रहे है. तभी तो पिछले दिनी उनको किसी फेअक्ट्री में चोरी  करते समय सी सी कमरे का भी डर नही लगता  और चोरी  की वारदात को बड़े प्यार से आराम से कमरे की तरफ देख कर बिना अपना मुंह ढके   चोरी अंजाम देते नजर आये.  शहर  में  इनको ढूंढे और चोरी की वारदातों को कम करने की बजाय हर बार आला अधिकारियो पर गाज गिरा दी जाती है और इनके तबादले कर दिए जाते है . आम  जनता की सुरक्षा हर बार राम भरोसे रह जाती है अब तो दोपहर और शाम के समय घर से निकलना मुश्किल हो गया है निकलते समय हर किसी के मन में यही डर रहता है की पता नही उनके साथ कहा क्या हो जायगा कभी वह दुर्घटना का शिकार होते है तो कभी स्नीचिंग का ....... ज्यादा चोरियों के बाद आला अधिकारियो के तबादले कर दिए जाते है और आये नये पुलिस अधिकारियो  के काम को लेकर एक बार फिर लोगो में  सुरक्षा की नई किरण नजर आती है और वो अधिकारी भी इनकी उमीदो पर खरे उतरने की कोशिश करते है  और वह शुरू में पुरे जोश और उत्साह से काम करते है शहर के हर तरफ   नाक्ब्न्दी  लगाते है पर नाजने क्यों कुछ दिनों बाद वह फिर सुस्त हो जाते है और यह लुटेरे  फिर जाग जाते है अपनी काम को अंजाम देने के लिये .


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