Tuesday, April 20, 2010

किस्मत पर टिकी इंसान की ज़िन्दगी !


इंसान की ज़िन्दगी केवल किस्मत पर ही नहीं टिकी है . इंसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है समाज मे कई ऐसे लोग है जो किस्मत पर विशवास किये बिना ही मेहनत से जिंदगी को बड़ी ख़ुशी से जी रहे है . समाज मे कई ऐसे लोग है जो मेहनत करके ऊचा मुकाम हासिल कर चुके है . इंसान मेहनत करके अपनी किस्मत को बदल सकता है और जिंदगी को पूरी ख़ुशी से जी सकता है
भारत एक परम्परावादी देश है जहा लोग अक्सर धर्म - कर्म और किस्मत मे विशवास रखते है उनका हर काम किस्मत पर ही छोड़ देता है पर इंसान जिंदगी में जो सोचता है वो कभी होता नहीं है जिससे वह हर समय निराश रहता है
वह सारा समय सोच मे ही निकल देता है की उसकी किस्मत मे अगर कुछ होगा तो मिल जायेगा जिस कारण वह मेहनत करने से पीछे हट जाता है और अपनी ज़िन्दगी से निराश हो कर सोचता रहता है की वह कामजाब क्यों नहीं हो रहा , उसको लगता है उसको सब कुछ अपने आप ही मिल जायेगा
अगर वह काम करता भी है तो तक़दीर उसका साथ छोड़ देती है जिससे इंसान फिर अपनी किस्मत को कोसने लग जाता है की उसकी किस्मत ही खराब है जिस कारण वह कामजाब नहीं हो पा रहा
जिससे इंसान टूट जाता है
लोगो से अक्सर यही बात सुनने को मिलती है की उसका लड़का कामजाब नही हो पाया उसकी किस्मत ही खराब है जो यह कामजाब नहीं हो पा रहा है , उसके लड़के को नोकरी नहीं मिलती ,शादी नहीं हो रही या परिवार मे कोई काम सही नहीं हो रहा है तो इसका दोष सीधा किस्मत को ही दिया जाता है की अगर हमारी किस्मत अच्छी होती तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलता
पर यह सब गलत बाते है इंसान की ज़िन्दगी केवल किस्मत पर ही नहीं टिकी है इंसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है समाज मे कई ऐसे लोग है जो किस्मत पर विशवास किये बिना ही मेहनत से जिंदगी को बड़ी ख़ुशी से जी रहे है
इंसान ही अपनी किस्मत को खुद बनाता और बिगड़ता है




लेखक                                                                                  धन्यवाद

करिश्मा खोसला                                                                  पंकज कपाही

2 comments:

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  2. किस्मत पर विश्वास करना गलत नहीं है, पर ज़रूरत से ज्यादा किस्मत पर विश्वास करना घातक हो सकता है. किस्मत के भरोसे रहने वाले लोग कभी जीवन में आगे नहीं बाद पाते.
    गौरतलब है की किस्मत भी उन्ही का साथ देती है जो खुद का साथ देते हैं. जीवन में आगे बढ़ने के लिए कुछ भाग अगर किस्मत निभाती है तो उसमे में se आधिक भाग कर्म के पास होता है. अगर जीवन शेली को सफल और सुखमय बनाना है तो किस्मत के साथ कर्म पर भी भरोसा करना सीखना होगा. जीवन में सफलता प्राप्त करने में किस्मत और कर्म दोनों साथ निभाते हैं. मगर जब हम किसी कम में असफल हो जाते हैं या पूरी म्हणत से करने के बाद भी हमें अच्छा नतीजा नहीं मिल पता तो हम किस्मत को दोषी ठहराने लग जाते हैं. उस वक़्त हम यह नहीं सोचते की शायद हमारी म्हणत में कोई कमी रह गई हो.. शायद हमने की अपना १०० प्रतिशित न दिया हो. मगर हम बिना सोचे समझे, अपने फैसलें लेने शुरू कर देते हैं.
    किस्मत के भरोसे आधिक न रहकर कर्म को भी खास अहमियत देनी चाहिए क्यूंकि किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते.
    तकदीर के खेल से निराश नहीं होते, ज़िन्दगी में कभी उदास नहीं होते,
    हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना, तकदीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते.
    गौरी दुग्गल

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