Monday, April 19, 2010

किसी समय में मीडिया को देश का चोथा स्तम्ब कहा जाता था..........

किसी समय में मीडिया को देश का चोथा स्तम्ब कहा जाता था उसकी दिखाई खबर की हकीकत माना  जाता था और लोग खबरों पर अम्ल करते थे पर पिछले कुछ समय से न्यूज  चेनल चोबीस घंटे होने से मीडिया का स्तर गिरा है. जिससे अब सही समाचार दिखने की बजाय मसला दिखाया है . मै खुद पिछले डेड वर्ष से जालंधर में इलेक्ट्रोनिक मीडिया के साथ जुड़ा हुआ हूँ और महसूस  किया है की चार - पांच पत्रकारों के इलावा किसी को स्क्रिप्ट भी नही लिखनी आती | पत्रकार एक दुसरे से स्क्रिप्ट मांग कर अपने चैनेल को भेज देते है | यह तो हाल हुआ पत्रकारों को .इनके इलावा चैनल खबरों को सही दिखने की बजाय मसला लगाते और सनसनी दिखाते नजर आते है अगर कही किसी की हत्या हो जाये तो चेनल खबर मांगने की बजाय उस हत्या की प्रोफिल को त्ब्जो देते है अगर प्रोफिल लो हो तो पत्रकार को खबर करने से मना कर देते है अगर उसी खबर में किसी सेलिब्रटी का नाम आये तो आपको पता ही है ............. तो  मीडिया मसालेदार खबरे लगातार दिखता  है. इसकी क्या वजह है की आज कहने को तो २४ घंटे न्यूज़ चैनेल  है पर इन नेशनल  चेनल  को देखा जाये तो इसमें कितनी देर सही  खबर दिखाई जाती है अगर सुबह से ही बात की जाये तो पहले आधा  घंटा क्रिकेट को कार्यक्रम की तरह दिखाया जाता है. बाद में तीन देविया या पंडित लोगो को गुमराह करता है फिर बॉलीवुड मूवी या सीरियल दिखाए जाते है आजकल लाफ्टर चेनल भी दिखाए जाते है उसके बाद लोगो को डराने वाली सनसनी खबरे दिखाई जाती है | सारा दिन बार - बार इन्हें ही रपीट किया जाता है . अगर कोई सेलिब्रटी कुछ  बोल दे तो उसको घसीटना शुरू कर द्वेते है बजाय की देश की समस्यों को दिखाया जाये इसके अलावा अगर देश में बजट पास होता है तो उसे दिखाने की बजाय दूसरी मसालेदार खबरों  को घसीटना शुरू कर देते है यही हुआ है नक्सलवाद और सानिया मलिक की शादी की खबर पर.मुझे याद है जब रजत भाटिया ने इण्डिया टी वी शुरू किया था तो उन्होंने कहा था मुझे मुंह में माइक ध्क्लेने वाले रिपोर्टे नही चाहिए मुझे सही पत्रकार चाहिए जो ख़बरों की हकीकत को दिखाए | आज आप इंडिया टी वी का हाल  देख सकते है चाहे उसकी टी आर पी सबसे  आगे है पर लोग उस चेनल  को मनोरंजन की तरह देख कर हस्ते है |. आज चाहे मीडिया ने इतनी तरक्की कर ली है पर लगातार इसका स्तर निचे गिरा है और खबर को ब्रेकिंग करने के लिये देश की सुरक्षा पर भी खतरा साबित होता है २६/११/२००८ को मुंबई पर आंतकवाद हमला इसका गवाह है लोगो का लगातार मीडिया पर विश्वास उठता जा रहा है और मीडिया के दुरपयोग होने से लोगो ने मीडिया से डरना शुरू कर दिया है |

1 comment:

  1. You have touched the actual profile of the media and the media personal in this artical. Nice and to the point artical keep it up.

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