Thursday, February 18, 2010

खुद को पहचानो,,,,,,मै कौन हूँ

ज्यादातर लोग अपने आप को पहचान ही नही पाते की वो खुद है क्या जिस कारण वह हमेशा सोचते ही रहते है और उन्हें पता नही चल पता की उनकी जिन्दगी का मकसद क्या है? और उन्होंने आगे करना क्या है जिस कारण वह कभी तरक्की नही कर पाते और हमेशा इल्जाम अपनी किस्मत पर थोपते रहते है दुनिया में कोई भी इन्सान उन्हें आसानी से बहका सकता और वो हमेशा भूले भटकी गलियों में घूमते रहते है | मेरे कहने का अर्थ है की वो जो करना चाहते है वह कर नही पाते और दुसरो के कहने पर चलते है अगर कोई दूसरा इंसान बढ़िया कर रहा है तो वह अपना काम छोड़ कर उसकी तरह बनने की कोशिश करते है और वह कम उम्र में ही बड़े - बड़े सपने देख कर अक्सर जिन्दगी में मार खाते है और ज्यादातर नाकामयाब होकर खुद को हताश कर बैठते है क्यंकि वह इस सच्चाई से अंजान है की वह जिन - जिन लोगो की नकल करना चाहते है वो लोगो की जिन्दगी इन कामो में निकल चुकी है और उन लोगो को यह काम करने में आनन्द आता है

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